NCERT Solutions for Class 10 Sanskrit Shemushi Chapter 2 Question 2
प्रश्न परिचयः 🧐
इस अभ्यास में, हमें दिए गए वाक्यों में मोटे (स्थूल) अक्षरों में लिखे गए शब्दों के आधार पर प्रश्न बनाने हैं। इसे ‘प्रश्ननिर्माणम्’ कहते हैं। यह संस्कृत व्याकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यह हमें शब्दों के लिंग, विभक्ति और वचन को समझने में मदद करता है। सही प्रश्न बनाने के लिए, हमें ‘किम्’ शब्द के रूपों (जैसे – कः, का, किम्, केन, कया, कस्मै, कस्यै, कस्मात्, कुत्र, कदा आदि) का सही प्रयोग करना होता है।
स्थूलपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत।
(क) तत्र राजसिंहो नाम राजपुत्रः वसति स्म।
(ख) बुद्धिमती चपेटया पुत्रौ प्रहृतवती।
(ग) व्याघ्रं दृष्ट्वा धूर्तः शृगालः अवदत्।
(घ) त्वं मानुषात् बिभेषि।
(ङ) पुरा त्वया मह्यं व्याघ्रत्रयं दत्तम्।
व्याकरणात्मक टिप्पणी ✍️
- (क) राजसिंहो (राजसिंहः): यह पुंलिङ्ग, प्रथमा विभक्ति, एकवचन है। अतः प्रश्नवाचक शब्द ‘किम्’ का पुंलिङ्ग, प्रथमा विभक्ति, एकवचन रूप ‘कः’ प्रयोग होगा।
- (ख) चपेटया: यह स्त्रीलिङ्ग, तृतीया विभक्ति, एकवचन है। अतः ‘किम्’ का स्त्रीलिङ्ग, तृतीया विभक्ति, एकवचन रूप ‘कया’ प्रयोग होगा।
- (ग) व्याघ्रम्: यह पुंलिङ्ग, द्वितीया विभक्ति, एकवचन है। अतः ‘किम्’ का पुंलिङ्ग, द्वितीया विभक्ति, एकवचन रूप ‘कम्’ प्रयोग होगा।
- (घ) मानुषात्: यह पुंलिङ्ग, पञ्चमी विभक्ति, एकवचन है। अतः ‘किम्’ का पुंलिङ्ग, पञ्चमी विभक्ति, एकवचन रूप ‘कस्मात्’ प्रयोग होगा।
- (ङ) मह्यम्: यह ‘अस्मद्’ शब्द का चतुर्थी विभक्ति, एकवचन रूप है। यहाँ बुद्धिमती के लिए प्रयुक्त हुआ है, जो स्त्रीलिङ्ग है। अतः ‘किम्’ का स्त्रीलिङ्ग, चतुर्थी विभक्ति, एकवचन रूप ‘कस्यै’ प्रयोग होगा।
मुख्य बिंदु
- प्रश्ननिर्माण के लिए सबसे पहले स्थूल पद का लिंग, विभक्ति और वचन पहचानें।
- फिर उसी लिंग, विभक्ति और वचन का ‘किम्’ सर्वनाम का रूप प्रयोग करें।
- स्थान के लिए ‘कुत्र’, समय के लिए ‘कदा’, कारण के लिए ‘किमर्थम्’ और संख्या के लिए ‘कति’ का प्रयोग होता है।
- प्रश्नवाचक वाक्य के अंत में प्रश्नचिह्न (?) अवश्य लगाएँ।
रोचक तथ्य 💡
संस्कृत व्याकरण, जिसे पाणिनि ने अपने ग्रंथ ‘अष्टाध्यायी’ में सूत्रबद्ध किया है, दुनिया की सबसे व्यवस्थित और वैज्ञानिक व्याकरण प्रणालियों में से एक माना जाता है। ‘प्रश्ननिर्माण’ जैसी प्रक्रियाएँ इसके नियमों की सटीकता को दर्शाती हैं।SEO Keywords
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FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
संस्कृत में ‘प्रश्ननिर्माणम्’ क्या है?
‘प्रश्ननिर्माणम्’ किसी दिए गए कथन (वाक्य) से प्रश्न बनाने की प्रक्रिया है। इसमें वाक्य के किसी संज्ञा, सर्वनाम या क्रियाविशेषण को हटाकर उसके स्थान पर उपयुक्त प्रश्नवाचक शब्द (जैसे कः, का, किम्, कुत्र, कदा आदि) का प्रयोग किया जाता है।
‘राजसिंहः’ को बदलने के लिए ‘कः’ का प्रयोग क्यों किया जाता है?
‘राजसिंहः’ शब्द पुंलिङ्ग, प्रथमा विभक्ति और एकवचन है। प्रश्नवाचक सर्वनाम ‘किम्’ का पुंलिङ्ग, प्रथमा विभक्ति, एकवचन का रूप ‘कः’ होता है। इसलिए, ‘राजसिंहः’ के स्थान पर ‘कः’ सही प्रतिस्थापन है।
‘चपेटया’ जैसे तृतीया विभक्ति वाले शब्द के लिए प्रश्न कैसे बनाते हैं?
सबसे पहले शब्द का लिंग, विभक्ति और वचन पहचानें। ‘चपेटया’ स्त्रीलिङ्ग, तृतीया विभक्ति और एकवचन है। फिर, ‘किम्’ सर्वनाम से उसी लिंग, विभक्ति और वचन का रूप प्रयोग करें। स्त्रीलिङ्ग, तृतीया विभक्ति, एकवचन के लिए शब्द ‘कया’ है।
‘स्थूलपदमाधृत्य’ का क्या अर्थ है?
इसका अर्थ है ‘मोटे अक्षर वाले शब्द के आधार पर’। इन अभ्यासों में, आपको एक ऐसा प्रश्न बनाने का निर्देश दिया जाता है जिसका उत्तर मूल वाक्य में हाइलाइट किया गया या मोटे अक्षरों में लिखा गया शब्द होगा।
‘व्याघ्रम्’ जैसे द्वितीया विभक्ति वाले शब्द के लिए प्रश्नवाचक सर्वनाम क्या है?
‘व्याघ्रम्’ शब्द पुंलिङ्ग, द्वितीया विभक्ति और एकवचन है। ‘किम्’ सर्वनाम से संबंधित प्रश्नवाचक शब्द ‘कम्’ है।
‘मानुषात्’ जैसे कारण (पञ्चमी विभक्ति) के लिए किस प्रश्नवाचक शब्द का प्रयोग किया जाता है?
‘मानुषात्’ शब्द पञ्चमी विभक्ति में है, जो ‘मनुष्य के डर से’ का संकेत देता है। सही प्रश्नवाचक शब्द ‘कस्मात्’ (किससे?) है।
जब मूल शब्द ‘मह्यम्’ (चतुर्थी विभक्ति) जैसा सर्वनाम हो तो प्रश्न कैसे बनाएं?
‘मह्यम्’ (मेरे लिए) शब्द ‘अस्मद्’ सर्वनाम का चतुर्थी विभक्ति एकवचन रूप है। प्रश्न बनाने के लिए, आप प्रश्नवाचक सर्वनाम ‘किम्’ की चतुर्थी विभक्ति का उपयोग करते हैं। इस संदर्भ में, एक महिला का जिक्र करते हुए, सही रूप ‘कस्यै’ (किसके लिए?) है।